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जहाँ तुम फिसलते हो कहीं
अचानक शुरू हो जाता है
ठीक उसी जगह फिसलना मेरा
महीनों फिसलती रहती हूँ!
यादों के फिसलन भरी गलियों से गुज़रने से भी
अचानक शुरू हो जाता है
ठीक उसी जगह फिसलना मेरा
महीनों फिसलती रहती हूँ!
यादों के फिसलन भरी गलियों से गुज़रने से भी
ज्यादा मुश्किल हो जाता है,