अब तुम सब कुछ भूल जाना!
कोरे काग़ज़ की तरह हो जाना!
सपाट, सफ़ेद, अनछुए से।
अब "सुनो" किसी से न कहना!
और हाँ, लगे हाथ
"बोलो" भी ख़त्म कर ही कर लेना
"तुम भी!! उफ़्फ़!"
अब कभी मत बोलना!
क्या पता! चुभ जाए, तो?
अब अगर बड़ी सी आंखें दिख जाएं
और आंखों तक हँसने वाला चेहरा,
तो अटक मत जाना!
मुंह फेर लेना।
जल्दी तय कर लेना -
जब फरीद रंग गाएंगे, किस रंग में रंगोगे तुम?
नीला तो सोचना भी मत और बसंत वाला पीला भी।
पीला गले पड़ जाता है, माथे पर बंध जाता है!
सारे शरीर को जकड़ लेता है!
बहुत ही जिद्दड़ हैं वो!
आसमान न देखना तुम बारिश के बाद!
नीला रंग आँखों मे चढ़ जाता है ।
और हाँ! लाल रंग का भी क्या भरोसा!
जग लाल लाल लाल दिखाई देने लगे तो?
दूर रहना इन से!
अब इन्हें तुम बिल्कुल भुला देना।
सारंगी बजाता है जो वो मोमिन खान!
लगता है लम्बा जिएगा लड़का।
हर मुरकी पर दुआएं ले जाता है लोगों के !
पर तुम्हारे लिए सारंगी अब रोने लगे तो?
बदल लेना खिड़की! बंद कर लेना कान!
आने मत देना उसे!
तुम रात में सर न उठाना
आसमान की ऒर न ताकना,
आधे से ज्यादा दिन चाँद टंगा होता है!
देखना! पंख न निकल पाए फिर!!
ज़मीन को ताकना।
बला की खूबसूरत है वो भी!
इमारतों और गड्ढों से भरा ये शहर
मददगार साबित होगा!
बस! अब तुम फिर किसी के चाँद न बनना!
बस! अब ये जादू तुम बिल्कुल भूल जाना!