Thursday, May 14, 2020

तुमसे मिल पाता तो

 तुमसे मिल पाता तो पूछता 

तुम इंसान से तो प्यार नहीं करते, 

फिर देश से कैसे प्यार करते हो? 
देश क्या देगा तुम्हे? 


देश क्या उस ईश्वर की तरह है?

तुमसे मिल पाता तो पूछ लेता 
अगर गोली के बदले तुम्हारी जान चली गई
तो ये देश कहाँ रह जायेगा?

मैं पूछता,
देश जन्मभूमि की मिटटी है या कांटे के तार से घिरी हुई सिर्फ़ एक सीमा ? 
बस से उतार कर जिन्हें तुमने मारा 
क्या उनका देश नहीं है?


तुमसे मिल पाता तो पूछ लेता 
तुम्हे कैसे पता चला कि मैं तुम्हारा दुश्मन हूँ ? 
किसी भी सवाल के जवाब दिए बिना ही 
तुम जो उठा लेते हो राइफल? 
ऐसे प्रेम-हीन, देशप्रेमी भी होते हैं क्या?


~ सुनील गंगोपाध्याय


Original


তোমার সঙ্গে দেখা হলে


তোমার সঙ্গে দেখা হলে জিজ্ঞেস করতাম
তুমি মানুষ ভালোবাসোনা, অথচ দেশকে ভালোবাসো কেন?
দেশ তোমাকে কী দেবে?
দেশ কি ঈশ্বরের মতন কিছু?
তোমার সঙ্গে দেখা হলে জিজ্ঞেস করতাম
গুলির বিনিময়ে তুমি প্রাণ দিলে দেশ কোথায় থাকবে?
দেশ কি জন্মস্থানের মাটি, না কাঁটাতারের সীমানা?
বাস থেকে নামিয়ে যাদের তুমি হত্যা করলে
তাদের বুঝি দেশ নেই?
তোমার সঙ্গে দেখা হলে জিজ্ঞেস করতাম
তুমি কী করে জানলে,আমি তোমার শত্রু?
কোনো প্রশ্নের উত্তর না দিয়েই তুমি আমার দিকে
রাইফেল তুলবে?
এমন ভালোবাসাহীন দেশপ্রেমিক হয়!

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