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-অজ্ঞেয়
অনুবাদ: নয়না
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আমি জিজ্ঞাসা করলাম
কি তৈরী করছো তুমি?
ও চোখে চোখে যেন বললো,
ধোঁয়া মুছে নিয়ে বললো:
আমি কি কোনো কিছু তৈরী করি, বলুন?
সব তো নিজে নিজেই তৈরী হয়ে যায়!
আমি অন্তত তাই শুনেছি!
আপনি বলতে পারেন,
ভগবান ব্যস এইটুকুই ক্ষমতা দিয়েছেন আমাকে।
আমার সহানুভূতিতে খানিকটা জেদও ছিল :-
বললাম: কিছু একটা তো নিশ্চয় তৈরী করছো!
আচ্ছা ছাড়ো! ধরে নাও তৈরী করছো না
কিন্তু কিছু তো একটা করছো -
সেটা কি?
ও বললো: দেখতেই তো পাচ্ছেন
আমি ছাল ছাড়াই
নুন মাখাই
ডলি
রস নিংড়ে নি'
জোরে জোরে ঘষিকড়াই এ ফেলে কষি
ফাটিয়ে ফেলি -
ফেটাই -
কুচি কুচি করে কাটি সব কিছু
আর মশলা গুঁড়ো দিয়ে ঢেকে দিই
ডেকচিতে এলো-মেলো ওলোট-পালট করি।
কিন্তু আমি কিছু তৈরী করি না -
তৈরী সব কিছু নিজে নিজেই হয়।
আমি তাহলে কী করছি?
একটা ভারী পেট
আর ছোট মুখ ওয়ালা
ডেকচিতে সব কিছু ছুঁড়ে ফেলে
চেপে-চুপে ভরে
ভাপে সেদ্ধ হতে ছেড়ে দিয়েছি।
আমি এর থেকে আর বেশি কিছু করিও না কখনো
কোনোমতে কাজ সারি বলতে পারেন।
কিন্তু -
যা পরিবেশন করি,
আর যাঁদের পরিবেশন করি
তাঁরা কি জানেন
আমি নিজের সঙ্গে কী করি?
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Original Text:
मैंने पूछा क्या कर रही हो / अज्ञेय
मैंने पूछा
यह क्या बना रही हो ?
उसने आँखों से कहा
धुआँ पोछते हुए कहा :
मुझे क्या बनाना है ! सब-कुछ
अपने आप बनता है
मैंने तो यही जाना है ।
कह लो भगवान ने मुझे यही दिया है ।
मेरी सहानुभूति में हठ था :
मैंने कहा : कुछ तो बना रही हो
या जाने दो, न सही –
बना नहीं रही –
क्या कर रही हो ?
वह बोली : देख तो रहे हो
छीलती हूँ
नमक छिड़कती हूँ
मसलती हूँ
निचोड़ती हूँ
कोड़ती हूँ
कसती हूँ
फोड़ती हूँ
फेंटती हूँ
महीन बिनारती हूँ
मसालों से सँवारती हूँ
देगची में पलटती हूँ
बना कुछ नहीं रही
बनाता जो है – यह सही है-
अपने–आप बनाता है
पर जो कर रही हूँ–
एक भारी पेंदे
मगर छोटे मुँह की
देगची में सब कुछ झोंक रही हूँ
दबा कर अँटा रही हूँ
सीझने दे रही हूँ ।
मैं कुछ करती भी नहीं–
मैं काम सलटती हूँ ।
मैं जो परोसूँगी
जिन के आगे परोसूँगी
उन्हें क्या पता है
कि मैंने अपने साथ क्या किया है ?
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